ऋग्वैदिक काल के देवता अतिमहत्वपूर्ण नोट्स pdf
ऋग्वैदिक काल के देवता
- इन्द्र -युद्ध का नेता एवं वर्षा का देवता (सर्वप्रिय -ऋग्वैदिक देवता)
- अग्नि-देवता व मनुष्य के बीच मध्यस्थता स्थापित
- वरूण पृथ्वी एवं सूर्य के निर्माता समुद्र का देवता ऋतु परिवर्तन एव दिन रात के देवता
- धौ- (सबसे प्राचीन) आकाश के देवता
- सोम-वनस्पति के देवता
- गूषन-गशुओं का देवता
- विष्णु :- विश्व के संरक्षक एवं पालनकर्ता के रूप में देवता
- मारूति-माधी तूफान के देवता
NOTE:-
सबसे प्राचीन वेद ऋग्वेद है।
अन्तिम वेद अथर्ववेद है।
भारतीय ऐतिहासिक कथाओं का सबसे अच्छा कम्बद्ध विवरण पुराणों में मिलता है
पुराणों के रचियता लोमहर्ष एवं उनके पुत्र उग्रश्रया है।
भारत एवं विश्व में महाकाव्य की संख्या दो है।
पुराणों की संख्या 18 है
वेदागों की संख्या 6 है। उपनिषदों की संख्या 108 है।
पुराणों में गत्स्य पुराण सबसे प्राचीन एवं प्रमाणिक है।
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