आधुनिक इतिहास परिदृश्य
👉1.अर्जुनलाल सेठी
-जन्म - जयपुर के जैन परिवार में
-इन्हें राजस्थान का दधिचि कहा जाता है। इन्हें राज्य में जनजागृति का जनक भी कहते हैं।
1907-अर्जुनलालजी सेठी द्वारा जयपुर में वर्द्धमान विद्यालय की स्थापना की गई। सेठीजी ने सूरत के कांग्रेस अधिवेशन में भाग लिया और लोकमान्य तिलक से सम्पर्क किया।
अर्जुन लाल सेठी ने कहा था कि मैं राज्य की नौकरी करूंगा तो अंग्रेजो को भारत से बाहर कौन निकालेगा।
1908-11-अर्जुन लाल सेठी का रासबिहारी बोस से सम्पर्क स्थापित। वर्द्धमान विद्यालय क्रान्तिकारियों के प्रशिक्षण का केन्द्र बना। बोस द्वारा राजस्थान में क्रांन्ति का भार सेठीजी आदि पर। विष्णुदत्त, प्रतापसिंह बारहठ, मोतीचन्द आदि क्रांन्तिकारियों ने वर्द्धमान विद्यालय (जयपुर) में प्रशिक्षण प्राप्त किया।
1912-विष्णुदत्त आदि द्वारा क्रान्ति के लिये धन एकत्रित करने की योजना तैयार की। निमेज के महन्त की हत्या कर दी गई।
1914-निमेज हत्याकाण्ड का फैसला। मोतीचन्द को फाँसी दी गई। सेठीजी बरी, पर जयपुर में और बाद में चेन्नई की वैलूर जेल में बन्द। 1920 सेठजी वैलूर जेल से रिहा। बालगंगाधर तिलक के नेतृत्व में महाराष्ट्र कांग्रेस द्वारा पूना में सेठीजी का स्वागत । इन्दौर में सेठीजी का जुलूस और विद्यार्थियों का रथ में जुतकर रथ हाँकना। सेठीजी का
अजमेर को अपनी कर्म-भूमि बनाना।
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👉2. हीरालाल शास्त्री
जन्म - जोबनेर, जयपुर
पुस्तक - प्रत्यक्ष जीवनशास्त्र
गीत - प्रलय प्रतिज्ञा नमो नमः।
30 मार्च, 1949 को वृहद् राजस्थान के मुख्यमंत्री बने।
जीवन कुटीर संस्था के संस्थापक हीरालाल शास्त्री थे।
संभागीय व्यवस्था की शुरूआत 1949 ई. में हीरालाल शास्त्री ने की .
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